धर्म नगरी व प्रभु श्रीराम की पावन तपोभूमि में पयस्वनी नदी पर तुलसी जल प्रपात यूं तो वर्ष भर आकर्षण बिखेरता है पर बारिश के दिनों में ‘बस्तर के नियाग्रा’की तर्ज पर अप्रतिम सौंदर्य से अपने मोहपाश में किसी को भी आसानी से जकड़ने के लिए काफी है। वर्तमान में त्रि-जलधारा के वेग व 35 से 40 किमी प्रतिघण्टा की रफ्तार से नीचे गिरती जलराशि जमीं पर बादलों के होने का अहसास करा रही है