मैहर शहर का नाम भी भगवान से जुड़ी कहानी पर ही निर्धारित है कहा जाता है। जब भगवान शिव जी देवी सती के शव को गोदी मे उठाकर ले जा रहे थे तब उनके गले का हार टूट कर इस जगह में गिर गया और तब से ही इस शहर का नाम माई का हार “मैहर” पड़ गया। शारदा देवी जी का मंदिर भक्तों से सदा भरा रहता है।