चित्रकूट, “अनेक आश्चर्यों की पहाड़ियां” वास्तव में प्रकृति और देवताओं द्वारा प्रदत्त एक अद्वितीय उपहार है, जो उत्तर प्रदेश में पयस्वनी/मन्दाकिनी नदी के किनारे विन्ध्य के उत्तरार्द्ध में स्थित एक शांत क्षेत्र है। ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टि से चित्रकूट महत्वपूर्ण जनपद है। चित्रकूट दो शब्दों के मेल से बना है।संस्कृत में चित्र का अर्थ है अशोक एवं कूट का अर्थ है शिखर या चोटी। इस वन क्षेत्र में कभी अशोक के वृक्ष बहुतायत मिलते थे।
यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में फैली उत्तरी विंध्य श्रृंखला में स्थित है।
यहाँ का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और मध्य प्रदेश के सतना जनपद में शामिल है। यहाँ प्रयुक्त “चित्रकूट” शब्द, इस क्षेत्र के विभिन्न स्थानों और स्थलों की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक विरासत का प्रतीक है।
प्रत्येक अमावस्या में यहाँ विभिन्न क्षेत्रों से लाखों श्रृद्धालु एकत्र होते हैं। सोमवती अमावस्या, दीपावली, शरद-पूर्णिमा, मकर-संक्रांति और राम नवमी यहाँ ऐसे समारोहों के विशेष अवसर हैं।